उत्तराखंड: टेम्पो ट्रैवलर सड़क से फिसलकर अलकनंदा नदी के किनारे गिरा, 10 की मौत, 13 घायल:Alakananda River Accident (Rudraprayag)

Rudraprayag में सड़क दुर्घटना: अलकनंदा नदी के किनारे टेम्पो गिरा

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को उत्तराखंड के Rudraprayag में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक टेम्पो ट्रैवलर के सड़क से फिसलकर Alakananda नदी के किनारे गिरने से दस लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए।

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Rudraprayag घटना का विवरण

Rudraprayag आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि दुर्घटना सुबह करीब 11 बजे रैतोली गांव के पास हुई। 23 लोगों को ले जा रहा टेम्पो सड़क से फिसलकर करीब 250 मीटर नीचे नदी के किनारे जा गिरा।

बचाव और राहत प्रयास

श्री सिंह ने बताया कि अठारह लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद राहत और बचाव दल तुरंत घटनास्थल Rudraprayag पर पहुंच गए।

What happend in Rudraprayag Today?

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने Rudraprayag घटना पर दुख व्यक्त किया और अधिकारियों को घायलों को आवश्यक उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने बताया कि स्थानीय Rudraprayag प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। घायलों को नजदीकी चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया गया है और गंभीर रूप से घायलों को एयरलिफ्ट करके एम्स, ऋषिकेश भेजा जा रहा है।

Rudraprayag में सड़क दुर्घटना: वाहन खाई में गिरा: What happend in Rudraprayag Today?

उत्तराखंड के Rudraprayag जिले में 26 यात्रियों को ले जा रहा एक वाहन खाई में गिर गया, जिससे कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। यह घटना ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग पर अलकनंदा नदी के पास हुई।

घटना सारांश

  • वाहन अलकनंदा नदी के किनारे करीब 250 मीटर नीचे गिर गया।
  • कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, और 16 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
  • मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने स्थिति की समीक्षा की और जांच के आदेश दिए।

दुर्घटना का विवरण

सुबह करीब 11 बजे, 26 यात्रियों को ले जा रहा एक टेम्पो ट्रैवलर सड़क से फिसलकर बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 250 मीटर नीचे अलकनंदा नदी के किनारे जा गिरा। बचाव अभियान तुरंत शुरू किया गया, और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। 16 घायलों में से सात को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा गया है, जबकि नौ को Rudraprayag जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। Rudraprayag एसपी विशाखा अशोक भदाने के अनुसार, कुछ घायलों की हालत गंभीर है।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

हादसे पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिलाधिकारी को घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवारों को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। मैं बाबा केदार से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

Alaknanda Mandakini Sangam

मंदाकिनी नदी

मंदाकिनी नदी भारत के उत्तराखंड में अलकनंदा नदी की एक सहायक नदी है। यह नदी Rudraprayag से सोनप्रयाग क्षेत्रों तक लगभग 81 किलोमीटर (50 मील) तक फैली हुई है, जो चोराबारी ग्लेशियर से निकलती है।

मुख्य बिंदु:

  • उत्पत्ति: चोराबारी ग्लेशियर
  • लंबाई: लगभग 81 किलोमीटर (50 मील)
  • मार्ग:
  • नदी सोनप्रयाग में सोनगंगा नदी में मिल जाती है।
  • यह उखीमठ में हिंदू मंदिर मध्यमहेश्वर से होकर बहती है।
  • मंदाकिनी अंततः अलकनंदा नदी में मिल जाती है।
  • संगम: Rudraprayag में मंदाकिनी अलकनंदा में मिल जाती है, जो गंगा में मिल जाती है।

मंदाकिनी नदी अपने सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के साथ-साथ भारत की सबसे पूजनीय नदियों में से एक गंगा नदी प्रणाली में अपने योगदान के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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देवप्रयाग: ईश्वरीय संगम

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देवप्रयाग, जिसका संस्कृत में अर्थ है “ईश्वरीय संगम“, धार्मिक हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह उत्तराखंड की पहाड़ियों में पाँच पवित्र संगमों में से एक है, जिसे पारंपरिक रूप से वह स्थान माना जाता है जहाँ ऋषि देव शर्मा ने अपना तपस्वी जीवन व्यतीत किया था, इस प्रकार इस शहर को इसका नाम मिला।

महत्व:

  • पवित्र संगम: देवप्रयाग दो दृश्यमान स्वर्गीय नदियों, अलकनंदा और भागीरथी का संगम है, जो पवित्र गंगा का निर्माण करने के लिए विलीन हो जाती हैं।
  • धार्मिक महत्व: हिंदू शास्त्रों के अनुसार, यह संगम एक पूजनीय और पवित्र स्थल है।

मंदिर:

  • रघुनाथजी मंदिर: गाँव के ऊपरी हिस्से में एक छत पर स्थित, यह मंदिर पिरामिड के आकार में विशाल पत्थरों से बना है और एक सफेद गुंबद से ढका हुआ है।
  • अन्य मंदिर: इस संगम पर चार प्रमुख मंदिर स्थित हैं, जो देवप्रयाग के आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाते हैं।

देवप्रयाग एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में खड़ा है, जो तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है जो नदियों के विलय को देखना चाहते हैं और इसके प्राचीन और पवित्र मंदिरों में श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते हैं।

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